आर्य समाज के मैरीज सर्टिफिकेट को कानूनी मान्यता नही: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आर्य समाज की तरफ से जारी किए जाने वाले मैरिज सर्टिफिकेट को अवैध करार दिया है। कोर्ट ने यह फैसला मध्यप्रदेश की एक नाबालिग लड़की के अपहरण और रेप के आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुये दिया। मामला लव मैरिज का बताया जा रहा है। लड़की के घरवालों ने उसे नाबालिग बताते हुए अपनी लड़की के अपहरण और रेप की एफआईआर दर्ज करा रखी है, जबकि युवक का कहना था कि लड़की बालिग है। उसने अपनी मर्जी से विवाह का फैसला किया है। यह विवाह आर्य समाज मंदिर में हुआ है। सुनवाई के दौरान बेंच ने आर्य समाज के विवाह प्रमाण पत्र को वैध मानने से इनकार कर दिया और आरोपी की याचिका को खारिज कर दिया। गौरतलब है कि आर्य समाज एक हिंदू सुधारवादी संगठन है और इसकी स्थापना स्वामी दयानंद सरस्वती ने 1875 में की थी। वेकेशन बेंच के जस्टिस अजय रस्तोगी और बीवी नागरत्ना ने आरोपी के वकील की दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि विवाह प्रमाण पत्र देना आर्य समाज का काम नहीं है। यह अधिकारियों का काम है। असली सर्टिफिकेट दिखाओ।
Next Post

मुख्यमंत्री से विधानसभा अध्यक्ष ने की भेंट, सत्र को लेकर हुई चर्चा

देहरादून: विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी भूषण ने आज मुख्यमंत्री आवास पहुंचकर चंपावत उपचुनाव में रिकॉर्ड मतों से जीत प्राप्त करने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बधाई और शुभकामनाएं दी। इस दौरान विधानसभा सत्र को लेकर बातचीत की। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ऋतु ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए […]

You May Like