टेस्ला की खरीद संबंधी ट्वीट मामले में कोर्ट में पेश हुए एलन मस्क, जानिए पूरा मामला

News Hindi Samachar

सैन फ्रांसिस्को: अरबपति कारोबारी एलन मस्क अपनी इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी टेस्ला की खरीद के संबंध में किए गए ‘भ्रामक’ ट्वीट से जुड़े मामले की सुनवाई के लिए अदालत में पेश हुए। यह मामला मस्क के सात अगस्त 2018 को किए गए दो ट्वीट से संबंधित है। मस्क ने दोनों ट्वीट में कहा था कि उन्होंने टेस्ला को खरीदने के लिए पर्याप्त वित्त का इंतजाम कर लिया है।

हालांकि, इस सौदे को कभी अमल में नहीं लाया जा सका। इसके बाद, टेस्ला के शेयर धारकों ने मस्क पर यह कहते हुए मुकदमा किया कि उनके ट्वीट से उन्हें भारी नुकसान पहुंचा। काला सूट पहने मस्क सैन फ्रांसिस्को की दीवानी अदालत में पेश हुए। उनके वकील ने मामले को टेस्ला के मुख्यालय टेक्सास स्थानांतरित किए जाने का अनुरोध किया, जिसे अदालत ने ठुकरा दिया। नौ न्यायाधीशों की जूरी यह फैसला करेगी कि क्या इन ट्वीट ने टेस्ला के शेयर धारकों को दस दिन की अवधि में भारी नुकसान पहुंचाया। इस मामले में मस्क ने स्वीकार किया है कि उन्होंने जिस खरीद की योजना बनाई थी, उस पर अमल नहीं हो सका।

मस्क ने ट्वीट किया था कि उन्होंने टेस्ला की खरीद के लिए 72 अरब डॉलर ‘धन जुटा लिया’ है। उस समय टेस्ला उत्पादन संबंधी समस्याओं से जूझ रही थी। इसके बाद, उन्होंने एक अन्य ट्वीट किया था कि इस संबंध में सौदा जल्द ही होने वाला है, जबकि ऐसा कोई सौदा नहीं हुआ।

ट्विटर को पिछले साल 44 अरब डॉलर में खरीदने वाले मस्क ने शुक्रवार को अदालत में कहा कि ट्वीट करना निवेशकों से संवाद करने का ‘सबसे लोकतांत्रिक तरीका’ है। उन्होंने शेयर धारकों के वकील निकोलस पोरिट द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में कहा, ‘मैं खुदरा निवेशकों की बहुत परवाह करता हूं। हालांकि, मस्क ने साथ ही कहा कि ट्विटर पर शब्दों की निर्धारित सीमा के कारण इस मंच पर बात को विस्तार से नहीं कहा जा सकता। संघीय अदालत के न्यायाधीश पहले ही निर्धारित कर चुके हैं कि मस्क के दोनों ट्वीट गलत थे। अब सुनवाई के दौरान ज्यूरी तय करेगी कि क्या मस्क ने निवेशकों को जानबूझकर धोखा दिया और क्या इससे उन्हें नुकसान हुआ।

Next Post

केजरीवाल सरकार ने खाली सीटें भरने को एससी-एसटी छात्रों के लिए कट-ऑफ कम करने का किया आग्रह

नई दिल्ली:केजरीवाल सरकार ने दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के कुलपति योगेश सिंह को पत्र लिखकर प्रवेश प्रक्रिया के दौरान अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) के छात्रों को पेश आ रही दिक्कतों को रेखांकित करते हुए खाली सीटों को भरने के वास्ते उनके लिए कट-ऑफ कम करने का आग्रह किया है। डीयू में […]

You May Like