शांतिकुंज में पांच दिवसीय पुनर्बोध प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ

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हरिद्वार: शांतिकुंज में पांच दिवसीय राष्ट्रीय पुनर्बोध शिविर का आज शुभारंभ हुआ। इस शिविर में झारखण्ड, गुजरात, दिल्ली, उप्र, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र सहित बारह राज्यों के दो सौ से अधिक दलनायक, संगीतज्ञ सहित अन्य सक्रिय परिव्राजक भाई बहिन भाग ले रहे हैं। इस शिविर का गायत्री विद्यापीठ की व्यवस्था मण्डल प्रमुख श्रीमती शेफाली पण्ड्या, डॉ गायत्री शर्मा, श्री शिवप्रसाद मिश्र ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर शुभारंभ किया। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए श्रीमती शेफाली पण्ड्या ने कहा कि यह वर्ष नारी सशक्तिकरण वर्ष है और गायत्री परिवार प्रमुखद्वय डॉ. प्रणव पण्ड्या एवं शैलदीदी के नेतृत्व में विभिन्न रचनात्मक अभियानों के साथ ही नारी जागरण के विविध कार्यक्रमों को गति देने के उद्देश्य से विविध अभियान चलाये जा रहे हैं। इसे और अधिक गति प्रदान करने के लिए देश भर में परिव्रज्या करनी हैं। नारियों को अंधविश्वासों, मूढ़मान्यताओं से उबरने के लिए प्रेरित करनी हैं। विभिन्न कार्य योजनाओं पर कार्य होने हैं। उन्होंने कहा कि यह समय की मांग है कि अपने जीवन से युग निर्माण की जीवन गाथा लिखने की। जिसके माध्यम से हम सभी को नारी को नारी के प्रति श्रद्धा, संवेदना, करुणा और ममता को जाग्रत करनी है। ताकि वे नारी समाज के प्रति हो रहे अन्याय के विरुद्ध खड़ी हो सकें। उन्होंने कहा कि माता भगवती देवी शर्मा की जन्म शताब्दी वर्ष 2026 तक एक सभ्य और विकसित समाज का गठन कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करें। नमोनारायण मिश्र ने भारतीय संस्कार परंपरा पर विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम विभाग के समन्वयक श्याम बिहारी दुबे ने युग शक्ति गायत्री की विविध शक्तियों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम विभाग समन्वयक श्री दुबे के अनुसार पांच दिन तक चलने वाले इस राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर में कुल तेरह सत्र होंगे। इस अवसर पर विभिन्न विषयों पर विषय विशेषज्ञ संबोधित करेंगे। इनमें व्यवस्थापक महेन्द्र शर्मा, राष्ट्रीय जोनल समन्वयक डॉ. ओपी शर्मा, प्रो. प्रमोद भटनागर, डॉ. गायत्री शर्मा, युवा प्रकोष्ठ के समन्वयक केदार प्रसाद दुबे, संदीप कुमार आदि प्रमुख हैं। शिविर के समापन सत्र में अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुखद्वय डॉ. प्रणव पण्ड्या एवं शैलदीदी का मार्गदर्शन भी प्रतिभागियों को प्राप्त होगा। वहीं दूसरी ओर शांतिकुंज अधिष्ठात्री शैलदीदी को प्रियदर्शिनी पुरस्कार से सम्मानित होने पर शांतिकुंज कार्यकर्ताओं ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए रैली निकाली। रैली में शैलदीदी के नेतृत्व में किये जा रहे कार्यक्रमों, अभियानों की नामों वाली तख्तियां एवं पोस्टर लिये चल रहे थे। इस दौरान नारी जागरण, पर्यावरण संरक्षण एवं भारतीय संस्कृति की अवधारणाओं से जन-जन को जोड़ने की अपील की गयी।
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