नयी दिल्ली। राजधानी दिल्ली सियासत का वह गलियारा जिसे राजनीति में होने वाली हर छोटी बड़ी बैठक, और हर हलचल का पता होता है। यहीं से सियासत के हर छोटे बड़े फैसले किए जाते हैं। राष्ट्रीय राजधानी में विपक्षी एकता को मजबूत करने के लिए कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर मंगलवार को विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक हुई। सूत्रों की माने तो बैठक में ममता बनर्जी को समझाने को लेकर भी बातचीत हुई।
बैठक में इस बात पर जोर रहा कि, अपने राज्य के प्रदेशिक दल अपने राज्य में मजबूती के साथ विपक्ष के तौर पर उभर कर आएं। आपको बता दें कि विपक्षी दलों की इस बैठक में एनसीपी के मुखिया शरद पवार, नेशनल कांफ्रेंस के मुखिया फारुख अब्दुल्ला, शिवसेना नेता संजय राउत, डीएमके के सांसद टीआर बालू, कांग्रेस के नेता मलिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल, और राहुल गांधी जैसे नेता शामिल हुए।
बैठक के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत ने बताया, यह पहला ऐसा ग्रुप है। अभी ऐसे और ग्रुप बनाए जाएंगे, उन्होंने कहा कि यह बैठक विपक्ष की एकजुटता को लेकर थी। संसद में चल रही कार्यवाही पर भी हमने चर्चा की, हम माफी नहीं मांगेंगे। विपक्ष की एकता पर हमने बात की और हम राज्यों में मिलकर काम करेंगे। बैठक के बाद डीएमके सांसद टीआर बालू ने कहा, हमने राज्यसभा से सांसदों के निलंबन पर चर्चा की। वहीं इस बैठक के बाद फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि, हमने राष्ट्र की वर्तमान स्थिति के बारे में बात की। हम कैसे एक साथ काम कर सकते हैं, और राष्ट्रहित में आगे बढ़ सकते हैं। सोनिया गांधी के आवास पर अहम बैठक उस दिन हुई है विपक्ष ने सांसदों ने निलंबन के मुद्दे पर मार्च निकाला था।
बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई की ममता बनर्जी को समझाना चाहिए। आपको बता दें कि हाल ही में ममता ने शरद पवार से मिलकर कहा था अब कोई यूपीए नहीं है। उन्होंने सीधे तौर पर तो नहीं लेकिन इशारों इशारों में यह बता दिया था कि अब कांग्रेस के बिना विपक्षी एकता बनाई जाए। सोनिया गांधी के आवास ममता बनर्जी को समझाने को लेकर चर्चा हुई है। सूत्रों के मुताबिक, विपक्ष का कोई बड़ा नेता जल्द ही बनर्जी से मुद्दे पर बात करेगा, सूत्र बताते हैं कि शरद पवार को यह जिम्मेदारी दी जा सकती है। आपको बताते चलें कि, ममता बनर्जी के सिपहसालार प्रशांत किशोर ने भी कहां था कि विपक्षी एकता का नेतृत्व करना किसी एक पार्टी का अधिकार नहीं है।