जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव पर गृहमंत्री के बयान के बाद बढ़ी राजनीतिक सरगर्मी

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श्रीनगर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में परिसीमन की कवायद पूरी होने और राजनीतिक दलों से परामर्श के बाद विधानसभा चुनाव कराये जाएंगे। हम आपको बता दें कि लोकसभा में कुछ सदस्यों ने कश्मीर में विधानसभा चुनाव में देरी होने के विषय पर चिंता जाहिर की थी। इस पर जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा था कि उन्होंने अनुच्छेद 370 के प्रावधान समाप्त किये जाने के समय संसद में जो कहा था, वह सबके सामने है और रिकॉर्ड पर है।

माना जा रहा है कि इस साल के अंत में जब गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा के चुनाव होंगे उसी समय जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव भी कराये जा सकते हैं। हम आपको याद दिलाना चाहेंगे कि जम्मू-कश्मीर में हाल में पंचायत चुनाव बिना हिंसा के संपन्न हो गये। जिला पंचायत चुनाव हो चुके हैं। डीडीसी के चुनाव हो चुके हैं और अब परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने वाली है। परिसीमन पूरा होने के बाद राज्य में चुनावों की तारीखों का ऐलान हो सकता है। गृहमंत्री अमित शाह के बयान पर प्रभासाक्षी संवाददाता ने श्रीनगर में जब आम लोगों से बातचीत की तो लोगों ने कहा कि पहले पूर्ण राज्य के दर्जे को वापस किया जाना चाहिए और फिर चुनाव कराने चाहिए।

उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर में जून 2018 से राष्ट्रपति शासन लागू है। भाजपा ने तब मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार से समर्थन वापस लिया था। मोदी सरकार ने अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था। जम्मू-कश्मीर अब विधानसभा के साथ केंद्रशासित प्रदेश है।

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