हरिद्वार। आज हरिद्वार प्रेस क्लब के मुख्य सभागार में हिन्दू पंचायत सम्पन्न हुई। शंकराचार्य परिषद एवं भाग्योदय फाउण्डेशन द्वारा आयोजित इस पंचायत की अध्यक्षता करते हुए परिषद के अध्यक्ष श्री स्वामी आनन्द स्वरूप जी महाराज ने कहा कि भारतीय संविधान में सभी पंथों, समस्त मतावलंबियों को बराबर सम्मान देने का प्रावधान है लेकिन ऐसा हो नहीं सका। यह देश विद्यालयों में ‘कुरान’ और ‘बाइबिल’ तो पढ़ा सकता है लेकिन ‘गीता’ नहीं पढ़ा सकता। श्रीमद्भगवदगीता सदा से इस राष्ट्र का ‘संविधान’ रहा है, यह बात आज देश को स्वीकार करनी पड़़ेगी। उन्होंने बताया कि सउदी अरब के देशों ने कानून बनाकर गीता कोे अपने यहां स्कूली पाठ्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा बना दिया है। उन्होंने देश से सवाल किया कि गीता के इस देश में गीता पढ़ाने की बात कह देने पर भूकम्प क्यों आ जाता है? उन्होंने सनातनी धर्मतंत्र में आ गयी अनेक बुराइयों पर भी प्रहार किया और उनमें सुधार लाने के महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
आनन्द स्वामी ने कहा कि हिन्दुस्थान के साथ हुए उस छल का प्रतिकार करने का, जो कुछ षड्यंत्रकारियों ने सन् 1947 में एक राष्ट्र इस्लाम के नाम पर बनाकर किया था और दूसरे राष्ट्र को सेक्यूलर छोड़ दिया था, ताकि आगे चलकर एक और इस्लामिक राष्ट्र, एक और ईसाई राष्ट्र इसमें से सेक्यूलरिज्म के आड़ में बनाया जा सके। भारत की जनता देर से ही सही लेकिन अब इस छल-छद्म को जान व पहचान चुकी है। अब हम फिर से छले जाने के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि हिन्दू पंचायतों का आयोजन भारत को हिन्दू गणराज्य बनाने के लिए किया जा रहा है। हम चाहते हैं कि यह राष्ट्र हिन्दू राष्ट्र बने जिसका संविधान भगवदगीता बने। उन्होंने कहा कि कुम्भनगरी हरिद्वार की इस अभियान में बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। अतः सभी धार्मिक-आध्यात्मिक संगठनों को एक साथ मिलकर इस अभियान में जुटना चाहिए। उन्होंने भाग्योदय फाउण्डेशन प्रमुख राम महेश मिश्र की राष्ट्रनिष्ठा-धर्मनिष्ठा को सराहा और हिन्दू पंचायत के लिए हरिद्वार का चयन करने के लिए उन्हें साधुवाद कहा।
प्रख्यात साहित्यकार एवं इस्लाम विशेषज्ञ श्री विनय कृष्ण चतुर्वेदी ‘तुफैल’ ने इस्लाम की विस्तृत व्याख्या की और कहा कि भारत सहित विश्व भर के देशों का प्रजातन्त्र इस्लाम का टूल बना हुआ है। हिन्दुओं के धर्मांतरण पर चिन्ता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि आज भारी संख्या में लोग अपने पुरखों के कुटुम्ब में लौटना चाहते हैं। श्री चुतर्वेदी ने मोदी सरकार द्वारा इस्लामिक महिलाओं के साथ किए गए न्यायपूर्ण फैसलों केा सराहा और कहा कि लाखों देवियों को नवजीवन मिला है। इस्लाम विशेषज्ञ तुफैल चतुर्वेदी ने पिछली एक शताब्दी में सनातनी (हिन्दू) समाज पर शताब्दी में हुए अन्यायों की भी चर्चा की और उन पीड़ाओं से निबटने के उपाय समझाए। उन्होेंने कहा कि भारतीय संविधान में मुस्लिम, ईसाई व यहूदी को छोड़कर सभी को हिन्दू कहा गया है, बाद में इसमें अल्पसंख्यक के नाम पर कई वर्गों को जोड़ा गया। श्री चतुर्वेदी ने पाकिस्तान से भारत आने वाले हिन्दुओं की वीजा की संख्या बढ़ाने की मांग भारत सरकार से की। उन्होंने हिन्दू समाज को आगाह करते हुए हिन्दू गणराज्य की स्थापना के शंकराचार्य परिषद के प्रयासों की सराहना की।
भाग्योदय फाउण्डेशन के अध्यक्ष व संस्थापक आचार्य राम महेश मिश्र ने उत्तराखण्ड को भारत का भाल प्रान्त बताया और कहा कि राष्ट्ररूपी शरीर के मस्तक उत्तराखण्ड को ठीक व सशक्त करना न केवल इस हिमालयी राज्य की बल्कि पूरे देश की जिम्मेदारी है। उन्होंने मुगलकाल से लेकर अंग्रेजों के काल तक के प्रमुख क्रांतिवीरों को श्रद्धापूर्वक याद किया।
सभी अभ्यागतों का स्वागत करते हुए आचार्य करुणेश मिश्र ने कहा कि भारत को मजबूती देने के लिए अब हमें गीता की ओर जाना ही होगा और भारत के महाभारत बनाने के लिए श्रीकृष्ण व अर्जुनों को अपनी भूमिका निभानी होगी। पंचायत सभा का समापन कार्यक्रम संयोजक श्री भूपेन्द्र गौड़ के आभार अभिव्यक्ति से हुआ। इसके पूर्व चले प्रश्नोत्तर कार्यक्रम में जिज्ञासुओं के प्रश्नों के उत्तर स्वामी आनन्द स्वरूप, श्री तुफैल चतुर्वेदी और मंचस्थ सन्तों द्वारा दिए गए। हिन्दू पंचायत कार्यक्रम में प्राचीन अवधूत मण्डल आश्रम के पीठाधीश्वर महंत रूपेन्द्र प्रकाश, भारत साधु समाज के राष्ट्रीय मन्त्री महामण्डलेश्वर डाॅ. स्वामी प्रेमानन्द वेदांताचार्य, राष्ट्रीय परशुराम अखाड़ा के अध्यक्ष अधीर कौशिक, शंकराचार्य परिषद की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मोनिका आनन्द, शंकराचार्य परिषद के पश्चिम बंगाल प्रदेश अध्यक्ष राजकिशोर यादव, परिषद के न्यासी व उद्योगपति श्री नरेन्द्र खड़का, भाग्योदय फाउण्डेशन के न्यासी सचिव श्री दिलीप कुमार नायक, एडवोकेट सुनीता शर्मा, उत्तराखण्ड प्रदेश अध्यक्ष रवि शास्त्री, विवेक शुक्ल, भोलेराम दिनकर, जितेन्द्र मिश्र, सरिता अग्रवाल, अर्चना वर्मा, ताराचन्द विरमानी, कृष्ण गीतानन्द सरस्वती, मोहित नवानी, तेजराम साहू, धर्मनगरी हरिद्वार स्थित विभिन्न आश्रमों के सन्त-महन्त, समाजसेवी, विभिन्न वर्गो के प्रतिनिधियों समेत कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। हिन्दू पंचायत में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए सुधी श्रोताओं ने भी भागीदारी की।
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