20 वर्षों में अभी तक कि सरकारों ने पर्यावरणीय ध्यान नहीं रखाः दिवाकर भट्ट

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देहरादून:   उत्तराखंड क्रान्ति दल के केंद्रीय अध्यक्ष दिवाकर भट्ट ने कहा कि धौलीगंगा नदी तपोवन चमोली में ग्लेशियर के टूटने से आमजीवन के साथ बड़ी संख्या में जानमाल का नुकसान हुआ है।

विष्णु प्रयाग जल विद्युत परिजोजना के अंतर्गत निर्माणधीन बांध चपेट में आ गया। यही नही यह घटना केदारनाथ घटना का रूप धारण कर चुकी है। जिसका बुरा असर नदियों के किनारे बसे शहरों,कस्बो व ग्रामीणों के लिये जानमाल का खतरा बढ़ गया।

अगर ज्यादा नुकसान होता है तो इसके लिये त्रिवेंद्र की निक्कमी सरकार जिम्मेदार होगी। केदारनाथ आपदा के पश्चात सरकार ने इस तरह की भयानक आपदा के बचाव के लिये कोई प्रबंधन नही किया।

उत्तराखंड क्रान्ति दल बड़े बांधों का विरोधी रहा है। साथ ही पर्यावरण को ध्यान में रखकर योजनाओं के निर्माण का पक्षधर रहा है।

लेकिन राज्य के बने इन 20 वर्षो में अभी तक कि सरकारों ने पर्यावर्णीय ध्यान नही रखा। दल सरकार से मांग करती है कि अभिलम्ब आपदा प्रबंधन को सचेत करते हुये अपना पूरा ध्यान इस आपदा से प्रभावित क्षेत्रो से अपडेट होते हुये, नुकसान की भरपाई अविलम्ब उपलब्ध कराने की व्यवस्था बनाये।

इस अवसर पर लताफत हुसैन, सुनील ध्यानी, जयप्रकाश उपाध्याय, शिव प्रसाद सेमवाल, अशोक नेगी, विजेंदर रावत, राजेश्वरी रावत, सीमा रावत आदि थे।

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