कश्मीरी पंडितों के लिए आज लॉन्च होगी वेबसाइट, जमीन वापस दिलाने में करेगी मदद

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नई दिल्ली। एक शब्द है माले गनीमत जिसका मतलब होता है युद्ध में पराजित दुश्मन का धन, दुश्मन के भाग जाने पर कब्जा किया गया धन। कश्मीर की धरती पर माले गनीमत वाली थ्योरी का शिकार कश्मीरी पंडित हुए। दहशतगर्दों ने इस थ्योरी के तहत पहले बंदूक के दम पर उन्हें कश्मीर से बाहर किया फिर उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया। लेकिन अब कश्मीरी पंडितों की लूटी हुई संपत्ति वापस मिलने वाली है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आज कश्मीरी पंडितों के लिए बेवसाइट लॉन्च हो सकती है। ये वेबसाइट कश्मीरी पंडितों को उनकी जमीन वापस दिलाने में मदद करेगी। जिसके जरिये आवेदन करने के बाद एक यूनिक आईडी जेनरेट हो जाएगी। जिससे आवेदन सीधा जिला मजिस्ट्रेट के पास चला जाएगा और इस पर उचित कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में अन्य किसी भी जानकारी के लिए राहत एवं पुनर्वास आयुक्त कार्यालय जम्मू से 0191-2586218, 0191-2585458 पर संपर्क कर सकते हैं।

9 कश्मीरी पंडितों को वापस मिली उनकी प्रॉपर्टी

बता दें कि कश्मीरी पंडितों को उनकी जमीन और उनका घर वापस दिलाने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयासरत है और बीते दिनों सदन में भी गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया था कि सरकार इन प्रवासी कश्मीरी हिंदुओं को उनकी प्रॉपर्टी भी वापस करवा रही है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने बताया कि च्तमेमतअंजपवद, च्तवजमबजपवद ंदक त्मेजतंपदज वद क्पेजतमेे ैंसमे) ।बज, 1997 के तहत सभी जिलों के प्रवासी कश्मीरियों की प्रॉपर्टी के कानूनी कस्टोडियन संबंधित जिलों के जिला मजिस्ट्रेट हैं। सरकार ने बताया है कि अगर इस प्रॉपर्टी पर कोई गैर कानूनी तरीके से अतिक्रमण करता है तो डीएम इसपर कानूनी कार्रवाई करते हैं। अब अपनी जमीन वापस पाने के लिए कश्मीरी पंडित डीएम से भी संपर्क कर सकते हैं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री द्वारा राज्यसभा में दी गई जानाकीर के मुताबिक अब तक 9 कश्मीरी पंडितों को उनकी प्रॉपर्टी कश्मीर में वापस मिल चुकी है।

साल 1990 का दौर जब तालिबानी सोच वाले कट्टरपंथियों ने घाटी में खौफ का ऐसा माहौल बनाया कि हजारों की तादाद में कश्मीरी पंडित अपना घर, अपनी जमीन और अपनी संपत्ति छोड़ कर सिर्फ जान बचाकर रातों रात कश्मीर से निकलने को मजबूर हो गए। कश्मीरी पंडितों के पलायन के बाद कश्मीर घाटी में माले गनीमत का खेल शुरू हुआ। कट्टरपंथियों ने दहशत का माहौल बनाकर कश्मीरी पंडितों को पहले पलायन पर मजबूर किया उसके बाद कश्मीरी पंडितों की जमीन पर कब्जा करने और उसे औने-पौने दामों पर खरीदने की साजिशें शुरू कर दी। कश्मीर की जमीन पर एक सोचे-समझे एजेंडे के तहत कट्टरपंथियों ने साजिशों को अंजाम दिया। कश्मीर की जमीन को इस्लामिक स्टेट बनाने के लिए कश्मीरी पंडितों को पलायन के लिए मजबूर किया गया। उसके बाद उनकी घर, जमीन और दुकानों पर कब्जा कर लिया गया।

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