नयी दिल्ली। पंजाब में भले ही कांग्रेस की कमान नवजोत सिंह सिद्धू को सौंप दी गई हो लेकिन अब अभी भी वहां सियासी हलचल लगातार तेज है। कांग्रेस के लिए मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। सिद्धू और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच लगातार टकराव की स्थिति है। आलम यह है कि सिद्धू गुट और अमरिंदर गुट आमने-सामने हैं। एक ओर जहां सिद्धू गुट अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग कर रहा है तो वही अमरिंदर लगातार पार्टी के समक्ष अपना दावा मजबूत कर रहे हैं। हाल में ही अमरिंदर ने भी एक बैठक की जिसमें पार्टी के साथ 60 विधायक और 8 सांसद पहुंचे थे।
इन सबके बीच खबर यह है कि हरीश रावत आज पंजाब को लेकर कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात कर सकते हैं। वह कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात कर सकते हैं। हालांकि इससे पहले हरीश रावत ने कहा कि अगले साल होने वाला पंजाब विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। रावत एआईसीसी में पंजाब मामलों के प्रभारी भी हैं और उनकी इस घोषणा को असंतुष्ट नेताओं के लिए झटका के तौर पर देखा जा रहा है। रावत ने देहरादून में संवाददाताओं से कहा कि पंजाब में अमरिंदर सिंह नीत सरकार और आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत की संभावनाओं को लेकर कोई खतरा नहीं है।
रावत ने देहरादून के एक होटल में पंजाब के मंत्रियों और तीन विधायकों से मिलने से पहले कहा, हम 2022 में (पंजाब में) चुनाव अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में लड़ेंगे। कांग्रेस नेताओं से मुलाकात के बाद रावत ने कहा कि उन लोगों ने उनसे कहा कि वे किसी एक व्यक्ति के खिलाफ नहीं हैं बल्कि वे विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत की संभावनाओं को लेकर चिंतित हैं। दूसरी ओर सिद्धू ने साफ तौर पर कह दिया है कि अगर उन्हें काम नहीं करने दिया गया तो वग ईंट से ईंट बजा देंगे।