उत्तराखंड में कड़े भू कानून की मांग को लेकर दिल्ली में प्रवासी उत्तराखंडियों ने किया सत्याग्रह

News Hindi Samachar

देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री धीरेंद्र प्रताप ने आज दिल्ली में उत्तराखंड राज्य की स्थानीय आयुक्त ईला गिरी के कार्यालय के बाहर उत्तराखंड में तत्काल सख्त भू कानून लागू किए जाने की मांग को लेकर उत्तराखंड भू कानून संघर्ष समिति दिल्ली एनसीआर के बैनर तले आयोजित सत्याग्रह में प्रतिभाग किया।
इस मौके पर उन्होंने उत्तराखंड राज्य में तत्काल सख्त भू कानून लागू किए जाने की वकालत करते हुए कहा कि जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी की सत्तारूढ़ सरकार ने उत्तराखंड में जमीनों की खुली बिक्री की छूट दे दी है उससे सारे देश के भू माफिया उत्तराखंड की तरफ मुड़ गए हैं और 1 दिन ऐसी आने की स्थिति हो गई है जिस दिन की वहां के मूलनिवासी बेघर हो जाएंगे और उन्हें दूसरे प्रांतों से आए लोगों की खेती और नौकरी करनी होगी धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि आज जरूरत इस बात की है हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर उत्तराखंड में सख्त कानून लागू होना चाहिए जिससे यहां की जमीन यहां के जमीदारों और गरीब किसानों के हितों की रक्षा की जा सके। इस मौके पर सभी भू कानून समर्थक आंदोलनकारी अनिल पंत ,प्रेमा धोनी दीपिका नयाल कुशाल जीना रजनी जोशी , जगत बिष्ट आदि के साझा नेतृत्व में बाल भवन पर एकत्रित हुए और वहां से नारे लगाते हुए उत्तराखंड सूचना केंद्र तक गए। जहां पर वह लोग नारे लगाते हुए धरने पर बैठ गए बाद में उत्तराखंड की स्थानीय आयुक्त ईलागिरी वहां पर पहुंची और आंदोलनकारियों से ज्ञापन ग्रहण किया। आंदोलनकारियों ने स्थानीय आयुक्त को स्पष्ट तौर पर कहा की उत्तराखंड की धरती को बचाना वहां की अस्मिता को बचाना है ।इसलिए तमाम राजनीतिक दलों को उत्तराखंड में जल्द स्थाई भूमि बंदोबस्त पर काम करना चाहिए जिससे कि यहां की जमीनों की लूट रुक सके।

Next Post

महाराज ने रक्षा मंत्री से भेंट उत्तरकाशी स्थित जादूंग वैली को पर्यटकों के लिए खोलने पर हुई चर्चा

देहरादून। प्रदेश के पर्यटन लोक निर्माण, सिंचाई, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने को देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से शिष्टाचार भेंट कर जनपद उत्तरकाशी स्थित जादूंग वैली को पर्यटकों लिए खोले जाने का अनुरोध किया। प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज […]

You May Like