दिल्ली सेवा विधेयक राज्यसभा में आज पेश होने की संभावना

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नई दिल्ली: दिल्ली सेवा विधेयक सोमवार को राज्यसभा में पेश किए जाने की संभावना के बीच कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) ने अपने सांसदों को व्हिप जारी कर उनसे संसद के उच्च सदन में मौजूद रहने को कहा है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक 2023 बृहस्पतिवार को लोकसभा से पारित हो गया था। उच्च सदन में कांग्रेस के मुख्य सचेतक जयराम रमेश ने चार अगस्त को तीन-पंक्ति वाला व्हिप जारी किया, जिसमें कहा गया कि ‘‘सात अगस्त को राज्यसभा में बहुत महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

मुख्य सचेतक ने कहा, ‘‘राज्यसभा में कांग्रेस पार्टी के सभी सदस्यों से अनुरोध है कि वे सात अगस्त को पूर्वाह्न 11 बजे से सदन के स्थगन तक उपस्थित रहें और पार्टी के रुख का समर्थन करें।’’ राज्यसभा में पार्टी के सदस्यों को रविवार को एक पत्र भी भेजा गया।

इस पत्र में कहा गया, ‘‘सात अगस्त, को पूर्वाह्न पौने 11 बजे से सदन के स्थगन तक राज्यसभा में उपस्थित रहें और पार्टी के रुख का समर्थन करें, क्योंकि विधायी कामकाज के संबंध में महत्वपूर्ण विषयों पर मतदान किया जाएगा। तीन-पंक्ति का व्हिप इस संबंध में पहले ही जारी किया जा चुका है।’’ ‘आप’ ने भी अपने सभी सांसदों को व्हिप जारी कर उनसे सोमवार तथा मंगलवार को राज्यसभा में मौजूद रहने को कहा है। मई में, केंद्र ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश, 2023 जारी किया था जिससे उच्चतम न्यायालय के उस फैसले का कोई प्रभाव नहीं रहेगा जिसमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र प्रशासन में ‘‘सेवाओं’’ का नियंत्रण दिल्ली सरकार को दिया गया था।

यह विधेयक दिल्ली सरकार में वरिष्ठ अधिकारियों के तबादलों और पदस्थापना के संबंध में जारी अध्यादेश का स्थान लेगा। विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस (इंडिया) के 26 दल विधेयक को पारित करने के सरकार के कदम को विफल करने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे, भले ही संख्या बल राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के पक्ष में है।

बीजू जनता दल (बीजद) तथा युवजन श्रमिक रायतु कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) ने विधेयक पर सरकार को अपना समर्थन देने का वादा किया है। सत्तारूढ़ राजग के 238 सदस्यीय ऊपरी सदन में 100 से अधिक सदस्य हैं तथा बीजद और वाईएसआरसीपी ने विधेयक को अपना समर्थन देने की भी घोषणा की है। कुछ निर्दलीय तथा मनोनीत सदस्य भी विधेयक का समर्थन कर सकते हैं।

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