हरिद्वार। कृषि अवसंरचना निधि की जिला निगरानी समिति की बैठक जिलाधिकरी श्री सी0 रविशंकर की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में सम्पन्न हुई। बैठक में मुख्य कृषि अधिकारी, हरिद्वार ने सभी उपस्थित सदस्यों को योजना के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए अवगत कराया कि कृषि अवसंरचना निधि केन्द्र पोषित योजना है। वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए जनपद हरिद्वार को रू0 25.00 करोड़ का लक्ष्य निर्धारित है। योजना की मुख्य-मुख्य विशेषताएं बताते हुए कहा कि योजना का उद्देश्य प्रदेश में कृषि अवसंरचना में सुधार के क्रम में प्रोत्साहन एवं वित्तीय सहायता के माध्यम से फसलोपरान्त प्रबन्धन अवसंरचना एवं सामुदायिक खेती की सम्पत्ति के लिए व्यवहार्य परियोजनाओं में निवेश के लिए एक मध्यम-दीर्घकालीन ऋण रिक्त सुविधा को संगठित करना है।
यह योजना मूल श्रृंखला की स्थापना एवं प्रमुख्य तत्वों के आधुनिकीकरण की सुविधा प्रदान करेगी। फसलोपरान्त प्रबन्धन परियोजना जैसे ई-विपणन प्लेटफाॅर्म सहित आपूर्ति श्रृंखला सेवाएं, जैसे वेयरहाउस, सिलोस, पैक हाउस, जांच इकाईयां, छंटाई और ग्रेडिंग इकाईयां, शीत श्रंृखला, लाॅजिस्टिक सुविधाएं, प्राथमिक प्रसंस्करण केन्द्र, पकाई केन्द्र। वित्तीय सुविधा हेतु पात्र लाभार्थियों का आकार बैंकों और वित्तीय संस्थाओं द्वारा प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (पी0एम0सी0एस0), विपणन सहाकारी समितियां, किसान उत्पादक संगठनों (एफ0पी0ओ0), स्वयं सहायता समूहों (एस0एच0जी0), किसानों, संयुक्त देयता समूहों
(जे0एल0जी0), बहुउद्देश्य सहकारी समितियों, कृषि उद्यमियों, स्टार्टअप तथा केन्द्र/राज्य एजेंसी अथवा स्थानीय निकाय द्वारा प्रायोजित सार्वजनिक/निजी भागीदारी परियोजनाओं के लिए ऋण के रूप में रू0 1.00 लाख करोड़ प्रदान किया जाना। पी0एस0एस0 जिन्होनें अपने प्रचालनों के लिए डिजिटाइलेशन को अपनाया है, उन्हे स्कीम के अन्तर्गत प्राथमिकता दी
जाएगी। योजना की कार्यान्वयन अवधि योजना वर्ष 2020-21 से 2029-30 तक परिचालन में होगी। सरकारी बजटीय सहायता के अन्तर्गत पी0एम0यू0 की प्रशासनिक लागत के साथ-साथ ब्याज छूट एवं ऋण गारंटी के लिए प्रदान की जाएगी।
वित्तपोषण सुविधा के तहत 2 करोड़ रूपए की सीमा तक सभी ऋण 3 प्रतिशत प्रतिवर्ष की ब्याज छूट पर होगी। यह छूट अधिकतम 7 वर्षाें की अवधि के लिए होगा। 2 करोड़ रूपए से ज्यादा ऋण के मामले में तब ब्याज छूट 2 करोड़ रूपए तक सीमित होगी। कुल वित्तपोषण सुविधा से निजी उद्यमियों के लिए निधिकरण की सीमा एवं प्रतिशत राष्ट्रीय निगरानी समिति द्वारा निर्धारित की जा सकती है।
2 करोड़ रूपए तक के ऋण के लिए सूक्ष्य एवं लघु उद्यम योजना हेतु ऋण गारंटी निधि संस्था (सीजीटीएमएसई) के तहत इस वित्तपोषण सुविधा से पात्र उधारकर्ताओं के लिए ऋण गारंटी डीएसीएंडएफडब्ल्यू के संवर्धन योजना एफपीओ के तहत सृजित सुविधा से प्राप्त की जा सकती है।
जिलाधिकारी/अध्यक्ष महोदय ने बैठक में निर्देश दिये कि योजना का प्रचार-प्रसार सही से किया जाए, जिससे भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजना का लाभ पात्र लाभार्थियों/संस्थाओं को मिल सकें। इसके लिए पी0एम0किसान सम्मान निधी योजना एवं सहकारी समितियों के सदस्यों के लिए बल्क मैसेज तैयार कर प्रेषित किये गये। योजना की मुख्य-मुख्य विशेषताओं को फलैक्सी बैनर में तैयार कर प्रत्येक विकासखण्ड में प्रदर्शित किया जाए, जिससे योजना की जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पंहुच सकें। जिला विकास अधिकारी, नाबार्ड द्वारा प्रस्तुत योजनाओं के सम्बन्ध में जिलाधिकारी महोदय ने निर्देश दिये कि सक्षम तकनीकी विभाग से डी0पी0आर0 तैयार कराई जाए। अगली बैठक में डी0पी0आर0 सहित योजनाएं स्वीकृति हेतु प्रस्तुत की जाएं।
बैठक में मुख्य कृषि अधिकारी श्री वीके यादव, श्री आर0सी0 तिवारी, परियोजना निदेशक, डी0आर0डी0ए0/प्रतिनिधि, मुख्य विकास अधिकारी, हरिद्वार, श्री नरेन्द्र यादव, मुख्य उद्यान अधिकारी, श्री सी0के0 कमल, महाप्रबन्धक, जिला सहकारी बैंक, श्री संजय संत, लीड बैंक अधिकारी, श्री अमित भण्डारी, जिला विकास अधिकारी, नाबार्ड, श्री दान सिंह नापलच्याल, प्रतिनिध सहायक निबन्धक, सहाकारिता आदि उपस्थित रहे।
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