मणिपुर में आसान नहीं किसी भी दल की राह, कांग्रेस-बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर

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नयी दिल्ली। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग की तरफ से कर दिया गया है। 60 विधानसभा सीटों को समेटे पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर में दो चरणों में वोटिंग होगी। मणिपुर में 27 फरवरी और 3 मार्च को चुनाव होंगे और 10 मार्च को नतीजे आएंगे। कोरोना महामारी के मद्देनजर चुनाव आयोग ने इस बार सख्त प्रोटोकॉल बनाए हैं और 15 जनवरी तक रैली, रोड शो और पदयात्रा पर रोक लगा रखी है। मणिपुर में वर्तमान में बीजेपी की सरकार है। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में किसी को भी बहुमत नहीं मिलने के बाद बीजेपी ने एन बीरेन सिंह को साधते हुए राज्य पर कब्जा किया था। जबकि 28 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद कांग्रेस सत्ता हासिल करने में कामयाब नहीं हो पाई थी।

एबीपी न्यूज और सीवोटर ने मतदाताओं के मूड को भांपने के लिए एक सर्वे किया। एबीपी न्यूज-सीवोटर ओपिनियन पोल के मुताबिक, बीजेपी और कांग्रेस आगामी चुनावों के लिए करीबी मुकाबले में दिख रहे हैं और मणिपुर में इस बार त्रिशंकु विधानसभा के आसार बन सकते हैं। एबीपी न्यूज-सीवोटर ओपिनियन पोल से पता चलता है कि बीजेपी के लिए सीटों की अनुमानित सीमा 23-27 है, जबकि कांग्रेस को 22-26 सीटें मिल सकती हैं, जिससे सत्तारूढ़ पार्टी को कड़ी टक्कर मिल सकती है।

राज्य में सत्ता पर काबिज बीजेपी के सामने सत्ता को बचाने की चुनौती है। बीजेपी ने इसके लिए कमर कस ली है और इस चुनाव में जीत के लिए 40 सीटों का लक्ष्य भी रखा है। लेकिन गौर करने वाली बात है कि साल 2017 के चुनाव में राज्य में अपने सबसे बेहतरीन प्रदर्शन के जरिये भी बीजेपी केवल 21 सीट जीत सकी थी। वो और बात है कि छोटे और स्थानीय दलों को साथ लाकर बीजेपी सरकार बनाने में कामयाब हो गई थी।

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