हरिद्वार। कुंभ पर्व के विषय में कहा कि अभी जब तक सरकार की ओर से कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं होता, तब तक हरिद्वार में आने वाले श्रद्धालु यात्रियों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है। कोई कोरोना टेस्ट की अनिवार्यता नहीं है। कोई पंजीकरण की अनिवार्यता नहीं है।
11 फरवरी को होने वाले मौनी अमावस्या स्नान पर्व और 16 तारीख बसंत पंचमी के स्नान पर्व पर यात्री हरिद्वार बिना रोक-टोक के आ सकते हैं।
श्री गंगा सभा (रजि0) हरिद्वार के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने हर की पौड़ी कार्यालय पर प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि जहां तक कुंभ अवधि प्रारंभ होने की बात है, कुंभ नोटिफिकेशन होने की बात है, हमारी एसओपी को लेकर सरकार से मांग है कि जो मुख्य 6 स्नान पर्व है तथा बाकी के आम 44 दिन है उनके लिए एक सी व्यवस्था तर्क संगत नहीं है। 6 दिन की व्यवस्था में जो भी प्रशासन करना चाहे विचार करके लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए व्यवस्था बनाएं तथा बाकी के 44 दिनों में वही व्यवस्था लागू किया जाना हरिद्वार और हरिद्वार वासियों के लिए एक कुठाराघात होगा। महामंत्री ने कहा कि हरिद्वार कोरोना की मार से निकलकर अब थोड़ी बहुत ऑक्सीजन ले रहा है। अब हरिद्वार को पुनः उसी संकट में डालना ठीक नहीं होगा। हमारी सरकार से मांग है कि मुख्य स्नान पर्व और आम दिनों के लिए सरकार एक अलग से व्यवस्था बनाएं एवं इसके साथ साथ हरिद्वार अस्थि प्रवाह कर्म के लिए यहां आने वाले श्रद्धालु यात्रियों को राहत प्रदान करें। इस अवसर पर गंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा ने कहा के कुंभ को लेकर इन दिनों की जारी एसओपी से भ्रम एवं संशय की स्थिति पैदा हो गई है। हरिद्वार के सभी लोग चाहे वह होटल व्यवसाई हो या अन्य लोग व्यवस्था की मार से जूझ रहे हैं। एक ओर जहां देश में किसानों का आंदोलन चल रहा है, वहीं अभी हाल ही में बिहार में चुनाव हुए हैं वहां पर कोई पाबंदियां नहीं थी।
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