सिद्धू ने कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख के पद से अपना इस्तीफा वापस लिया

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नवजोत सिंह सिद्धू ने शुक्रवार को कहा ‘‘मैं किसी से नाराज नहीं हूं, मैं सिर्फ मुद्दे उठाता हूं, मैं पंजाब के लोगों की आवाज उठाता हूं।’’उन्होंने यह भी दावा किया कि बिजली आपूर्ति और रोजगार पर लंबे वादों के बारे में उनकी हालिया टिप्पणी आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल पर लक्षित थी, न कि चन्नी पर।

चंडीगढ़। कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने पार्टी की पंजाब इकाई के प्रमुख के पद से अपना इस्तीफा वापस ले लिया है, लेकिन साथ ही यह भी घोषणा की कि जब तक राज्य के नये महाधिवक्ता को हटा नहीं दिया जाता वह इसकी जिम्मेदारी फिर से नहीं संभालेंगे।

पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा वापस लेने की यहां घोषणा करने के दौरान भी सिद्धू ने चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली राज्य की नयी कांग्रेस सरकार पर निशाना बनाना जारी रखा।

सिद्धू ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मैं शुरुआत यह कहने के साथ करना चाहूंगा कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के सिपाही ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है। और मैं स्पष्ट रूप से कहता हूं कि जिस दिन नये महाधिवक्ता की नियुक्ति होगी, मैं कार्यभार ग्रहण करूंगा।’’ उन्होंने यह भी कहा कि जिस दिन नये पुलिस महानिदेशक की नियुक्ति के लिए समिति का गठन होगा, उसी दिन से वह पार्टी के पद का कार्यभार संभालेंगे। उन्होंने इससे पहले राज्य के महाधिवक्ता के रूप में वरिष्ठ अधिवक्ता ए पी एस देओल की नियुक्ति पर अपनी आपत्ति व्यक्त की थी।

सिद्धू ने चन्नी की पसंद माने जाने वाले राज्य के महाधिवक्ता ए पी एस देओल और पुलिस महानिदेशक इकबाल प्रीत सिंह सहोता की नियुक्ति का विरोध किया है। उन्होंने पहले संकेत दिया था कि ये दो नियुक्तियां उनके पद छोड़ने के कारण का हिस्सा थीं। सहोता ने 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाओं की जांच के लिए पूर्ववर्ती शिअद-भाजपा सरकार द्वारा गठित एसआईटी का नेतृत्व किया था। वहीं, एक अधिवक्ता के तौर पर देओल ने पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी का प्रतिनिधित्व किया था, जिन्होंने छह साल पहले तब राज्य पुलिस का नेतृत्व किया था, जब बेअदबी की घटनाएं हुई थीं और प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की गोलीबारी हुई थी।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं कहता हूं कि अगर आपके पास एसटीएफ की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की हिम्मत नहीं है, तो इसे पार्टी को दें और मैं इसे सार्वजनिक कर दूंगा। मुझमें हिम्मत है।’’ सिद्धू ने तंज कसते हुए कहा कि तीन विशेष जांच दल, सात प्राथमिकी, दो जांच आयोग और बेअदबी मामले के छह साल बाद क्या राज्य सरकार को केवल यही अधिकारी मिल पाए। उन्होंने कहा कि डीजीपी सहोता पूर्व पुलिस प्रमुख सुमेध सिंह सैनी के पसंदीदा थे।

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