लोकपर्व हरेला के अवसर पर राजकीय रेशम फार्म में उन्नत प्रजाति के रोप गए, 500 शहतूत के पेड़

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देहरादून: रेशम निदेशालय उत्तराखण्ड एवं उत्तराखण्ड को-आपरेटिव रेशम फेडरेशन के संयुक्त तत्तवाधान में –लोकपर्व हरेला- के शुभ अवसर पर राजकीय रेशम फार्म, झाजरा, देहरादून में उन्नत प्रजाति के लगभग 500 शहतूत वृक्षारोपण किया गया। इस अवसर पर रेशम किसानों को क्षेत्रीय विधायक सहदेव सिंह पुण्डीर एवं अध्यक्ष चौ. अजीत सिंह द्वारा शहतूत के पौधो का वितरण किया गया। क्षेत्रीय विधायक एवं अध्यक्ष द्वारा उपस्थित सभी अधिकारी/कर्मचारीगणों को हरेला लोकपर्व की बधाई दी गई एवं निर्देशित किया कि व्यापक स्तर पर मानसून काल में इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किये जायें जिससे आगामी समय में कीटपालकों का प्रचुर मात्रा में शहतूत पत्ती कीटपालन हेतु प्राप्त हो सके।

रेशम फेडरेशन के अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह ने इस दौरान कहा देश की समृद्धि में वृक्षों का भी महत्वपूर्ण योगदान है। अतः राष्ट्र के हर नागरिक को अपने लिए और अपने राष्ट्र के लिए वृक्षारोपण करना बहुत आवश्यक है। इनकी जड़ें भूमि के कटाव को रोकने के साख-साथ हमें औषधियाँ, जड़ी बूटियां तथा जानवरों के लिए घास एवं चारा भी उपलब्ध कराकर पृथ्वी की खाद्य श्रृखंला का संतुलन बनाये रखने में महत्पूर्ण योगदान देते हैं। प्रबंध निदेशक आन्नद ए.डी. शुक्ल द्वारा समस्त कार्मिकों निर्देश दिए कि वृक्षारोपण के साथ-साथ इनकी समुचित देखभाल भी की जाए इसके साथ ही शहतूत वृक्षारोपण को उत्सव के रुप में वृहद्ध रुप से मनाये जाने एवं रिकार्ड पौध रोपण के लिये निर्देशित किया  गया।

उपनिदेशक रेशम गढ़वाल मंडल प्रदीप कुमार द्वारा हरेला पर्व पर आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम को पूरे प्रदेश में वृहद्व रुप से प्रत्येक राजकीय रेशम फार्म पर इसी प्रकार से उन्नत किस्म के शहतूत वृक्षारोपण उत्सव मनाये जाने के निर्देश दिये गये।

इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक सहदेव सिंह पुंडीर, विक्रम सिंह बिष्ट, उपाध्यक्ष, डी.एस. तोमर, सुनील कुमार, बनारसी लाल, निदेशक, प्रबंध समिति, फेडरेशन, आन्नद यादव, पूर्व निदेशक- रेशम, विनोद तिवारी, सहायक निदेशक, गीताजंली नेगी, समाज सेवी, रमेश सिंह चन्देल, प्रदेश प्रभारी सहकार भारती, मकान भण्डारी, सैनिक कल्याण, मातबर सिंह कण्डारी प्रबंधक, रेशम फेडरेशन तथा रेशम निदेशालय उत्तराखण्ड के समस्त कर्मचारी/अधिकारी एवं फेडरेशन के समस्त कर्मचारी उपस्थित रहे।

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